सोयाबीन ऑइल प्राइस:खाद्यतेलों को लेकर ताजा अपडेट, जानें नए भाव

 Soyabean Tel Bhav Report 2022 | वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों के भाव में मंदी का रुख बना हुआ है। जिससे भारतीय आयातकों को खाद्य तेलों का आयात लागत अपेक्षाकृत सस्ती पड़ रही है। जिससे घरेलू बाजार में आयातित खाद्य तेलों की उपलब्धता सुधर रखी है। जिससे घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों के दाम में 10-12 रुपए किलो और घटने की उम्मीद बढ़ गई है। जिसको लेकर घरेलू खाद्य तेल (Soyabean Tel Bhav Report 2022) प्रोसेसर्स और निर्माताओं ने वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों में गिरावट का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए रजामंद हो गए हैं।

खाद्यतेलों (Soyabean Tel Bhav Report 2022) की यह है स्थिति
एक माह के अंदर ही मंदी के बाद यू टर्न में सोया तेल 1200-1215 रू तक नीचे की मंदी के बाद 1270 रू और पाम तेल 1190 रू की मंदी के बाद 1240 से 1250 रू पहुंचा। पुनः सोया तेल में यू-टर्न में 3 से 4 % मंदे होकर सोया तेल तो 1220 – 1225 रूपए मंदा हो गया। मगर पाम तेल मुंबई 1240 – 1250 रूपए था।

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त्योहारी मांग बढ़ने की संभावना से फिर भाव मजबूत
कपास्या तेल, मुंगफली तेल भी तेज होकर क्रमश: 1450 रू और 1650 रू पहुंचकर मजबूती बनाएं हुएं थे । भारत में सोयाबीन तेल (Soyabean Tel Bhav Report 2022) आयात शुल्क मुक्त है और मिली खबरों के अनुसार भारत में सोया तेल का आयात बढकर जुलाई माह में पूर्व के माह से ही तुलना मे 113 प्रतिशत तक बढकर रेकार्ड 4,93,000 टन तक हो गया है। बावजूद खाद्य तेल भाव विगत् हप्ते के सप्ताहांत से गत् की खबरों तक मंदी से तेजी और तेजी के बाद मंदी के यू टर्न फेर में रहे।

Soyabean Tel Bhav Report 2022 | विगत् हप्ते के सप्ताहांत शुक्रवार शनिवार में खाद्य तेलों के भावो में कोई 50-70 रू तक की वृद्धि प्रति 10 किलो टीन पर अचानक से हो गई। इसके पीछे, मिली खबरो के अनुसार अमेरिकी सोयाबीन उत्पादन क्षेत्रो मे गर्मी की मौसम की मार ने सोयाबीन उत्पाद पर भारी प्रभाव डाला बताया जा रहा है।

इससे वहां उत्पादन प्रभावित होने की खबर निकलकर आई और भारत मे सोयाबीन सोईन के रकबे में कमी की खबरों से विगत् सप्ताहांत में भारी तेज हुए फिर गत् हप्ते मध्य सप्ताह तक अमेरिकी यूएसडीए ने वहां की फसलो की 61 % तक की स्थिति अच्छी बताई।

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सोयाबीन तेल के भाव (Soyabean Tel Bhav Report 2022) गिरे
दूसरी खबर कि चीन-ताईवान और अमेरिकी तनाव से तेल व्यापार जगर विश्व में चिंता बढने और चीन की मांग में गिरावट बढ़ने से सीबॉट में सोयाबीन वायदा गिरने से सोयाबीन भावो पर हलचल मंदी की रही इससे सोया और पाम तेल भी 20-25 रू मंदी में रहा। सीबॉट में सोया तेल पर मंदी की हलचल मची हुई रही। इससे सोयातेल भाव तो गिर रहे बताएं जा रहे थे। मगर इंदौर के पाम तेल 1285-1290 रू तक अपनी मजबूती दिखा रहा था।

वैश्विक बाजार मंदी में रहे मगर भारत के स्थानीय व्यापार में वर्तमान में त्योहारी मांग का होना बताया जाने से अधिक भाव गिरने की धारणा नही बताई जा रही है। अतः विगत् हप्ते की भारी मंदी के बाद पुनःगत् की शुरूआत से भारी तेजी बनी और बाद में सरकारी हस्तक्षेप के बाद मध्य स्थिति भाव की बनी रही। पाम तेल (Soyabean Tel Bhav Report 2022) में केएलसी में गिरावट थी मगर इंडोनेशिया की निर्यात आधार शुल्क की बदलती स्थिति १ से कुछ बाजार संभाल भी रहे है।

खाद्य तेल भाव में 10 रू तक की कमी
क्रुड के भाव कुछ बढे बताएं जा रहें है। हांलाकि केंद्रीय सरकार खाद्य तेल के बढे भाव पर पुनः चिंतित हुई और तेल उत्पादक और व्यापार जगत को बुलाकर मीटिंग की गई सचिव ने तेल के दामो। मीटिंग में खाद्य में लगभग 10 रू तक की कमी करने के निर्देश दिये बताया गया। इससे भारत में भाव पर लगाम लगने की प्रक्रिया से तेल जगत में धबराहट बढने से भाव मंदी में जा सकने की धारणा भी है। व्यापार जगत आयात निर्यात शुल्क की कमी तेजी पर अपने पक्ष रख सकता है।

आमजन विश्लेषकों के अनुसार खाद्य तेल (Soyabean Tel Bhav Report 2022) का आयात-निर्यात का फायदा कभी भी आमजन को नही मिला है। क्या कारण है ? देश में खाद्य तेल इतना अधिक आयात हो रहा है तो वह कहां जा रहा है। क्या खाद्य तेल उत्पादक कंपनियो ने सस्ते आयात के कारण उत्पादन कम कर रखा है ?

या घाल-मेल की नीति पर अधिक फादा मुनाफा कमाने के कारण भाव को नीचे नही आने देना चाहते है। ? क्या तेल उत्पादकों और ऊंचे आयातक-निर्यातको को फायदा पहुंचाया जाता है ? बड़ा सवाल के साथ ही कई प्रश्न खड़े है।

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खाद्य तेल (Soyabean Tel Bhav Report 2022) की तेजी में मांग बढ़ी
स्थानीय में खाद्य तेल की तेजी में भारतीय त्योहारी संयोग बताया जा रहा है। तेजी में मांग की अधिकता बढने लगती है तो तेजी का और संयोग बनने लगता है। खुले बाजार के तेल के छोटे कारोबारियों का मानना है कि खाद्य तेल का उंचा सट्टा बाजार जब भारी मंदी में रहता है तो बेमेल हवा मंदी की निकालना शुरू कर देता है और छोटा व्यापार जगत में अधिक भारावे से परहेज करने का डर फैला देता है।

उनके अनुसार छोटा व्यापार जगत मंदी में खरीददारी और माल भरने में डर से संकुचित हो जाता है। अर्थात उंचा व्यापार जगत अधिक मंदी के इशारे देकर इन्हे मंदे में माल नही उठाने देता है। सटट्कारो की बाद की प्रपंच रचना में फिर अचानक असोचनीय संयोंगो से बाजार तेजी बनाता है और दो-तीन दिनी तेजी में भारी उंची तेजी हो जाती है। छोटा की तर्ज व्यापार मरता-क्या-न- करता पर उंचे भाव (Soyabean Tel Bhav Report 2022) का माल खरीदने पर मजबूर हो जाता है।

इस सीजन‌ में मूंगफली की बुवाई घटी
आंध्र प्रदेश में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 27 जुलाई 2022 तक 14.29 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल यह बुवाई 27 जुलाई 2021 तक 13.96 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सरकार का लक्ष्य

खरीफ बुबाई 38.57 लाख हैक्टेयर में करने का है। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई 3.76 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 27 जुलाई 2021 तक यह बुवाई 3.12 लाख हैक्टेयर में हुई थी।

Soyabean Tel Bhav Report 2022 | आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई का लक्ष्य 6.15 लाख हैक्टेयर है। राज्य में मिर्च की बुवाई अब तक आठ हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में यह बुवाई दस हजार हैक्टेयर में थी। जबकि, लक्ष्य 1.58 लाख हैक्टेयर का है। हल्दी की बुवाई आई अब तक आठ हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में भी यह आठ हजार हैक्टेयर में थी। इसकी खेती का लक्ष्य 20 हजार हैक्टेयर है।

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